जलवायु परिवर्तन समस्या मुक्त वसुंधरा
मान्यवर, पृथ्वी पर चल रही जलवायु परिवर्तन समस्या के कारण मानव जाति सैंकड़ों समस्याओ से झूझ रही हैं और इन समस्याओं से आप भलीभांति परिचित हैं। जलवायु परिवर्तन समस्या दिन दूनी रात चौगुनी रफ़्तार से विकराल रूप धारण कर रही है। जलवायु परिवर्तन समस्या के कारण मानव जाति का अस्तित्व खतरे में पड़ चुका है अगर जलवायु परिवर्तन समस्या का निदान नहीं किया गया तो वैज्ञानिको के अनुमान के अनुसार 2060 ईस्वी तक पृथ्वी पर मानव जाति का अस्तित्व खत्म होने के कगार तक पहुंच जाएगा। आज इस मंच से आप सब के सामने जलवायु परिवर्तन पर बहुत सारे खुलासे करने जा रहा हूँ। इन सभी खुलासों से पहले मैं मेरे विज्ञान गुरु एवं मानव जाति के भाग्यविधाता विश्व के सर्वकालीन महानतम वैज्ञानिक मान्यवर श्याम सुंदर राठी जी का परिचय आप सभी के समक्ष रख रहा हूँ।
शूरवीरो की धरती राजस्थान का गौरवशाली इतिहास है और महाराणा प्रताप, मीराबाई, भामाशाह जैसी अनगिनत महान हस्तियों का जन्म इसी धरती पर हुआ है। 21वी शताब्दी विज्ञान युग की धोरा की धरती उससे सैंकड़ों कदम आगे निकल चुकी है और अब धोरा की धरती को मानव जाति के भाग्यविधाता विश्व के सर्वकालीन महानतम वैज्ञानिक मान्यवर श्याम सुंदर राठी जी की जन्म भूमि होने का गौरव प्राप्त हो चुका है। मान्यवर राठी जी का जन्म बीकानेर जिले के श्रीडूंगरगढ़ शहर में हुआ है एवं आप स्वर्गीय गीता देवी राम गोपाल राठी की 10वी संतान हैं। वस्तुतः मानव जाति के भाग्यविधाता विश्व के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक पिछले 32 सालों से आम लोगों की नजरों से दूर रहते हुए Basic Science of Hydrology & Environment विषय पर दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण शोध में लगे हुए हैं। ऐसें में आम लोगों को वैज्ञानिक राठी जी की विज्ञान की अति महत्वपूर्ण एवं महान शोध के विषयों पर बहुत ज्यादा जानकारियां नहीं मिली इसलिए वैज्ञानिक राठी जी आम लोगों के लिए अनजान चेहरा बने हुए हैं। राजस्थान के महान सपूत की विश्व की सबसे महत्वपूर्ण विज्ञान की शोधों के बदौलत ही पृथ्वी 5 वर्षो में जलवायु परिवर्तन समस्या से मुक्त होगी एवं मानव जाति को सैंकड़ों समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। विश्व के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक मान्यवर राठी जी मानव जाति के भाग्यविधाता बनकर सामने आए हैं और आप पर सम्पूर्ण मानव जाति नाज करेगी। माननीय वैज्ञानिक राठी जी की महान-शोधों के बदौलत ही राजस्थान की धरती को महा-विज्ञान की जननी होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। मानव जाति के महानायक वैज्ञानिक श्याम सुंदर राठी जी की जन्मभूमि होने के कारण धोरा की धरती राजस्थान का नाम विश्व मानचित्र पर स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाने वाला है।
मान्यवर राठी जी आम लोगों को जलवायु परिवर्तन का असली अर्थ सरल भाषा में समझाते हुए लिखते हैं। पृथ्वी की जल सम्पदा एवं वायु के परिमाण यानी Quantity में विगत 100 वर्षो में कोई बदलाव नहीं आया है मगर मानवीय हस्तक्षेप के कारण विगत 100 वर्षो में पृथ्वी की जल सम्पदा एवं वायु की Quality एवं स्थिति में बहुत सारे छोटे बड़े बदलाव उभर कर सामने आए हैं तथा पृथ्वी की जल सम्पदा एवं वायु में अनेक प्रकार की विसंगतिया उत्तपन्न हो गई है। इस कारण पृथ्वी के तापमान में एवरेज 1.5℃ की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पृथ्वी पर चलने वाली साधारण भूगौलिक गतिविधियों पर इसके बहुत सारे दुष्प्रभाव परिलक्षित हो रहे हैं। आम तौर पर इस पूरी प्रक्रिया को जलवायु परिवर्तन के नाम से उल्लेख किया जाता है एवं विषम भूगौलिक गतिविधियों को जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावो में गिना जाता है।
वैज्ञानिक राठी जी की 32 वर्षो से Basic Science of Hydrology & Environment पर चल रही महा-शोध एवं सैंकड़ों Experiments के बदौलत पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन के पर बहुत सारे नए एवं सठीक तथ्य सामने आए हैं। फल स्वरूप मानव जाति उपयुक्त पदक्षेप उठाने से 5 वर्षो में पृथ्वी को जलवायु परिवर्तन समस्या मुक्त हो जाएगी।
5 वर्षो में पृथ्वी को जलवायु परिवर्तन समस्या मुक्त करना
मानवीय हस्तक्षेप के कारण जल एवं वायु में उत्तपन्न हो चुकी विसंगतियों को 5 वर्षो में अति सहजता के साथ ठीक किया जा सकता है। जिससे पृथ्वी का बढ़ा हुआ 1.5℃ तापमान पुनः पूर्व स्थिति में पहुंच जाए एवं पृथ्वी जलवायु परिवर्तन समस्या से आजाद हो जाएगी। मानव जाति के महानायक मान्यवर राठी जी मनुष्यों के हस्तक्षेप के कारण जल एवं वायु में जन्मी विसंगतियों को दूर करने के लिए पृथ्वी पर बड़े बदलाव करने की रुपरेखा बना चुके हैं। 20 नवंबर को मेरे नेतृत्व में Press Club of India, नई दिल्ली से इस संदर्भ में घोषणा कर दी गई थी। महा मानव मानव जाति के लिए अपनी पहली भेंट एक Project Propoal बना कर अपनी जन्मभूमि के श्री चरणों में 16 मार्च को अर्पित करने जा रहे हैं।फलस्वरूप राजस्थान को 3 वर्षो में पनीय जल की समस्या से मुक्ति मिल जाएगी एवं 5 वर्षो में किसान भाइयों को 100% जल सेचन कृषि भूमि की भेंट में मिल जाएगी हैं।
यह पहली सौगात 8करोड़ राजस्थान वासियों को जल समस्या से मुक्त करने के साथ साथ थार मरुभूमि का स्वरूप बदल कर रख देगी। दुनिया की एक बड़ी मरुभूमि हरित भूमि में बदल जाएगी एवं अरबों पेड़पौधे धरातल पर पृथ्वी की हरियाली में बृद्धि करने के साथ साथ अगले 5 वर्षो पृथ्वी की तापमात्रा में में .5℃ की गिरावट दर्ज की जाएगी।
इस Project Propoal के जरिए 21वी शताब्दी विज्ञान युग का मानव जल भंडारण (Water Store) करना प्रारंभ करेगा। इस तरीके से अगले 2 वर्षो में पूरी दुनिया जल भंडारण करने लगेगी, पृथ्वी से जल समस्या खत्म हो जाएगी एवं बाँध राक्षस को पृथ्वी से अलविदा कर दिया जाएगा। यह मानव जाति के भाग्यविधाता, दुनिया के सारे विज्ञान के सिद्धांतों पर पांडित्य रखने वाले समुद्र की गहराई जैसा विज्ञान का ज्ञान समेटे हुए मान्यवर श्याम सुंदर राठी की शोध का एक छोटा सा हिस्सा आप सभी महानुभावों के समक्ष उपस्थाप किया गया। प्रकृति भक्त वैज्ञानिक रामदयाल मीणा की विज्ञान की शोध का अस्तित्व भी मानव जाति के भाग्यविधाता की शोध से जुड़ा हुआ है। मेरा मंतव्य समाप्त करते हुए आप सब से विदाई की अनुमति चाहता हूँ। नारे लगाने की इजाजत हो तो एक दो नारे लगा सकते हैं।