कोविड-19 महामारी के दौरान सेवा में कार्यरत अस्थाई कार्मिकों को पार्षद राजेश वर्मा ने मुख्यमंत्री से की उन्हें स्थाई करने की मांग
कोविड- 19 महामारी के दौरान प्रदेश के विभिन्न राजकीय कार्यालय / स्वायत्तशासी संस्थाओं में कार्यरत कार्मिकों को राजकीय सेवा में स्थाई किए जाने की मांग को लेकर बुधवार को राज्य सरकार से मनोनीत पार्षद राजेश कुमार वर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन भेजा।
ज्ञापन में वर्मा ने बताया कि संपूर्ण विश्व कोविड-19 महामारी के संक्रमण से ग्रस्त था, जिससे राजस्थान: प्रदेश भी अछूता नहीं रहा है। प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना महामारी का संक्रमण फैल चुका था। प्रदेश की जनता में इस लाइलाज बीमारी से भय व्याप्त धा तथा उन्हें अपने जीवन जीने की चिंता दिन प्रतिदिन सताए जा रही धी।
इस विषम परिस्थितियों में इस कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए तथा आमजन को इस महामारी से बचाने के लिए राज्य सरकार के विभिन्न राजकीय कार्यालयों/ राजकीय उपक्रमों / स्वायत्तशासी संस्थाओं में प्रत्यक्ष रूप से कार्यरत कार्मिक जो चाहे संविदा पर हो, ठेका प्रथा पर या प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से कार्यरत हो जैसे:- होमगार्ड, आशा सहयोगिनी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सफाई कर्मचारी, नर्स कंपाउंडर डॉक्टर / वैद्य, ड्राइवर, फायरमैन कंप्यूटर ऑपरेटर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, मंत्रालयिक संवर्ग के कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी आदि ने कोरोना संक्रमण के दौरान लोक डाउन होने के बाद से लगातार अपनी जान की परवाह किए बगैर तथा उन्हें यह ज्ञात होते हुए भी कि यह जानलेवा बीमारी है, फिर भी इन लोगों ने अल्प वेतन होते हुए भी अहम भूमिका निभाई है। जिसका परिणाम यह है कि प्रदेश में महामारी का संक्रमण ज्यादा नहीं हो सका तथा नियंत्रण में रहा। इससे यह प्रतीत होता है कि इन कोरोना योद्धाओं ने भी राज्य सरकार का अपने पूरे मनोयोग से सर्वथा सहयोग किया है।
ज्ञापन के माध्यम से वर्मा ने उक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए मुख्यमंत्री से इन अल्प वेतनभोगी कार्मिकों को इन प्रतिकूल परिस्थितियों में इनके परिवारों को आर्थिक एवं मानसिक संबल प्रदान करने को ध्यान में रखते हुए इन कार्मिकों को राज्य सरकार के विभिन्न राजकीय कार्यालयों / राजकीय उपक्रमों तथा स्वायत्तशासी संस्थाओं में इनके स्तर के रिक्त पदों पर प्राथमिकता से राजकीय सेवा में स्थाई किय जाने की मांग की। साथ ही वर्मा ने बताया कि सरकार के इस कदम से इनका मनोबल बढ़ेगा तथा दूसरी तरफ भावी युवा पीढ़ी प्रदेश में आने वाली संभावित / असंभावित आपदा के दौरान उसका पूरे मनोयोग से डटकर मुकाबला करने के लिए तैयार रहेगी।